tag:blogger.com,1999:blog-3968816945351326054.post3982683367376309287..comments2022-04-11T03:29:34.201+05:30Comments on Meri Kavitayen: Menhga IshqAditya Mishrahttp://www.blogger.com/profile/09334074740817619226noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3968816945351326054.post-45440201782507604022010-09-27T22:04:37.650+05:302010-09-27T22:04:37.650+05:30हाय रे ज़माने वाले, उफ़ इश्क पे तेरा ये व्यंग;
कितनी...हाय रे ज़माने वाले, उफ़ इश्क पे तेरा ये व्यंग;<br />कितनी जद्धो जिहद होती है इश्क में;<br />माशूका का रूठ जाना, उसकी सहेलियों से आँख चुराना;<br />दोस्तों की रुस्वाइयां, और ऊपर से रात की तन्हाइयां;<br />कोई जाने, बुझे ये दर्द हमारे संग;<br />हाय रे ज़माने वाले, उफ़ इश्क पे तेरा ये व्यंग!<br />वो सर्द आँहें, वो नर्म उसकी बाहें;<br />किस्सा वो खिड़की वाला, कभी उसके भाई ने धमका डाला;<br />कितने आइसक्रीम हमने साथ में थे चुसे, हाय! कितने दर्दीले थे वो घूंसे, <br />कितनी जद्धो जिहद होती है इश्क में, कोई हमसे पूछे;<br />हे आदित्य भाई, इश्क पे तुम्हारी कटाक्ष से हूँ मैं दंग;<br />हाय रे ज़माने वाले, उफ़ इश्क पे तेरा ये व्यंग.Ritesh K Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/11419006869057603948noreply@blogger.com